Thursday, April 30, 2009
आज की पीढ़ी में!
फ़ैल रहा आक्रोश आज की पीढ़ी में!
बस हम हैं खामोश आज की पीढ़ी में!!!
नही समझता मनोदशा कोई उनकी?
सिर्फ़ यही है रोष आज की पीढ़ी में!!
कल की पीढी देती कोई दिशा नहीं!
है इसका अफ़सोस आज की पीढ़ी में!!
बिना कर्म के, गौरव की आकांक्षी है!
महज यही है दोष आज की पीढ़ी में!!
भ्रष्ट व्यवस्था हम क्षण भर में बदलेंगे!
कुछ ज्यादा है जोश आज की पीढ़ी में!!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment