Thursday, April 30, 2009

सूर्य का था पुत्र लेकिन!



जब अहम् कवि का किसी की घात से आहत हुआ है!
मत समझिये ये ज़रा-सी बात से आहत हुआ है!!

दे गया युग को अमर कृति कौंच पक्षी का वो जोड़ा!
सामने तपसी के, जो आघात से आहत हुआ है!!

सूर्य का था पुत्र लेकिन सूतके घर में पला था!
था उसे मालूम वो हालात से आहत हुआ है!!

हाथ में था वज्र उसके, साथ सारे देवता थे!
इन्द्र अपने स्वर्ग के परिजातसे आहत हुआ है!!

वो अभी टूटा नही है फ़िर शह देगा समय को!
सामने जो इक ज़रा-सी मात से आहत हुआ है!!

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