आपकी बात को आप से कह दिया!
पुण्य की मात को पाप से कह दिया!!
और जो भी बची शेष अभिव्यक्तियाँ!
उनको परिहास से श्राप से कह दिया!!
दाह की यातना का मुझे डर नहीं!
दग्ध मन ने अनल ताप से कह दिया!!
वेदना तो स्वतः श्राप बन जायेगी!
यदि व्यथित मन ने संताप से कह दिया!!
मोक्ष वो पा गया, जिसने अज्ञानश!
गर मरा शब्द भी जाप से कह दिया!!
Wednesday, April 29, 2009
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